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प्रिय साथियों,

रेअर अर्थ्स तत्व (आरईई)अद्वितीय सामग्रीहै, जो उच्च प्रौद्योगिकी इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रिक एवं हाइब्रिड वाहनों, मॉनिटर, टेलीविजन, रक्षा के उपकरणों, लेजर प्रणाली जैसे विविध उत्पादों के निर्माण के लिए आवश्य्क है।इन उत्पादों के निर्माण में उपयोग की जाने वाली रेअर अर्थ्स तत्वकी मात्रा वजन या घनत्व के हिसाब से कम हो सकती है,लेकिन ये उत्पाद की उत्कृष्ट कार्यप्रणाली के लिए आवश्यक है।रेअर अर्थ्स तत्व् एकउत्प्रेरक तत्व हैं, जिनका उपयोग पदार्थों की गुणवत्ताी आधारित उपयोगिता को बढ़ाने के लिए किया जाता है। हालाँकि, इनकीइस उपयोगिता की अनुभूति केवल इनके यौगिकों को मिश्रित करके या अन्य सामग्रियों के साथ मिश्रित रूप में उपयोग करते हुए ही प्राप्त की जा सकती है। इस प्रकार शुद्धिकरण के पश्चात यह एक अंतर्विषय संबंधी औद्योगिक विषय बन जाता है। इस प्रकार रेअर अर्थ्स तत्वमुख्य रूप से स्वच्छ ऊर्जा के उद्देश्यों को पूरा करते हैं, और आईआरईएल कीपरिकल्पाना (vision)केअनुरूप हैं।

भारत में, रेअर अर्थ का मुख्य स्रोत समुद्रतटीय रेत खनिज (बीच सैण्ड मिनरल)में पाया जाने वाला मोनाजाइट है।प्राकृतिक रुप सेऐसे संसाधनों की उपस्थिति के कारण इसके संयंत्र मुख्य रूप से भारत के पूर्वी एवं दक्षिणी प्रायद्वीप के समुद्र तटों पर रणनीतिक रुप से स्थापित किए गए हैं। ये खनिज (मोनाजाइट व उसके संलग्न खनिज) तीन 'जी' (Three ‘G’s) से जुड़े हैं, कण आकार(Grain size), भूगर्भ विज्ञान(Geology) और भूगोल (Geography) - इन खनिजों से जुड़े होने के कारण प्रत्येक के लिए ग्रेड की अधिकता होती है, जिससे इन उत्पादों को बड़े औद्योगिक खनिज बाज़ार में प्रसारित करने में चुनौतियां करती हैं।

इन खनिजों को विभिन्न क्षेत्रों में अनुप्रयोग किया जाता है,जिससे एक विशिष्ट एवं अनोखे पद्धति की आवश्यकता होती है। इसके अलावा, सभी भौगोलिक स्थानों के लिए अलग प्रवाह संचित्र की आवश्यकता, खनिजों को अलग करने का कौशल, रेअर अर्थ्स तत्वको वैश्विक स्तर पर स्वीकार्य पुनप्राप्ति दर से निकालना और शुद्धता में वृद्धि करना, जो भिन्न है।आईआरईएल खनिजों का उपयोग दैनिक जीवन के लगभग प्रत्येक पहलू में हो रहा है।

आईआरईएल को प्रगति की ओर ले जाने वाले प्रमुख क्षेत्रों में परमाणु ऊर्जा रिएक्टर, विमान के पूर्जे, वास्तुशिल्प् कोटिंग (पेंट एवं पिगमेंट), बुनियादी संरचना (इस्पात, वेल्डिंग इलेक्ट्रोड, रिफ्रेक्ट्रीज),रियल एस्टेनट (टाइल्स, सेनेटरी वेयर, पेंट),कच्चेतेल एवं पेट्रोलियम (वैल ड्रिलिंग, सतह तैयारी एवं मशीनिंग) और अन्य दैनिक जीवन शैली से जुड़े विभिन्न उत्पांदें शामिल हैं। यहां तक कि खनिजों की मात्रा कम होने के बावजूद, वेजीवन की गुणवत्ता में महत्वतपूर्ण योगदान करते हैं।

आईआरईएल के पास एक अनुभवी और प्रतिभाशाली कर्मचारी दल है जोऔद्योगिक परिदृश्य में गतिशील परिवर्तनों में सफलतापूर्वक प्रतिकूल कार्य करने में सहायक है। खनिजों की कम खपत के बावजूद निर्यात में शामिल होने वाले प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्रके अग्रिम उपक्रमों में से एक है। ‘मेक इन इंडिया’ पहल के कारण कार्यान्वित परियोजनाओं की बढ़ती मांग में वृद्धि हुई है, जिससे कंपनी द्वारा उत्पादित किए जाने वाले विभिन्न खनिजों और रासायनों की मांग बढ़ी हुई है।

संक्षेप में, आईआरईएल देश की रणनीतिक आवश्यकताओं मेंयोगदान करने वाला एक आदर्श केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम के रुप में खड़ा है, जो सतत व्यायपार मॉडल के माध्यम से व्या्पक उपयोग की आवश्यरकता के साथ वाणिज्यिक उद्देश्यों को हासिल कर रहा है।

(डॉ. दीपेन्द्र सिंह)

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